Monday 10 June 2019

कुछ पल चैन के बिताने को ,
पसीने को आदत में बदलता हूँ मैं | 
दुनिया की धूप से बचने को ,
दिन की धूप में जलता हूँ मैं | 

Saturday 9 May 2015

Happy Mother's Day

माँ मेरी मुझको ईश्वर का आशीर्वाद लगती हे,
पहली बारिश मे मन से निकली वो मुझे अरदास लगती हे,
जो जानती हे मुझको मुझसे ज्यादा...
माँ मेरी मुझको इतनी खास लगती हे,
जिसके आंचल तले बैठ कर मिलता हे मुझे हर पल सूकून..
माँ मेरी मुझको जन्नत का एहसास लगती हे,
इस दौड धूप की जिन्दगी मे कोई मेरे लिये सज़दे हे करता..
माँ मेरी मुझको एसा विश्वास लगती हे,
जो मेरी हर इच्छा के लिये कर देती हे खुद की हर चाह कुर्बान..
माँ मेरी मुझको परमेश्वर का वास लगती हे..
माँ मेरी मुझको ईश्वर का आशीर्वाद लगती हे,
पहली बारिश मे मन से निकली वो मुझे अरदास लगती हे
Happy Mother's Day

Friday 10 April 2015

कहने को तो तुझसे दूर हु में

कहने को तो तुझसे दूर हु में,
करके बहाना उदास जरूर हु में,
देख आज कितना मजबूर हु में,
यादे, उदासी, बेचैनियाँ हे दिल मे…।
ये प्यार  हे या इसका फितूर हु में,
शायद बस कहने को तुझसे दूर हु में



Wednesday 25 March 2015

कभी कभी सोचता हु.......

कभी कभी सोचता हू की तेरे जाने से क्या बदल गया,
शायद जिस कागज़ पर लिखी थी खुदा ने कहानी तेरी मेरी...
वो वक़्त की आग मे हे ज़ल गया,
कभी कभी सोचता हु कि तेरे जाने से क्या-क्या बदल गया,
पहले हुआ करती थी सुबह तेरी तरह ठंडी हवा का झोंका,
आज मुरझाऐ से किसी पत्ते की तरह लगती हे..
जिसे वही हवा का झोंका अपने साथ कहीं बहा कर ले जाऐगा एक दिन,
कभी कभी मैं सोचता हु की तेरे जाने से क्या क्या बदल गया,
पहले दिन हुआ करता था तेरे सुनहरे बालों की छाँव मे,
आज उसी दिन की धूप से कांटे चुभते हें पाँव मे,
कभी कभी मैं सोचता हु की तेरे जाने से क्या क्या बदल गया,
पहले शाम का सूरज ढलता था हमें लोगों से छुपाने के लिये,
आज शाम ढलती हे तो सिर्फ तेरी यादों से मिलाने के लिये,
कभी कभी मैं सोचता हु की तेरे जाने से क्या क्या बदल गया,
जब तक तू थी साथ थी मेरे
तब तक लगता हे रात कभी हुई ही नही,
अब रात भी होती हे और वो भी रोती हे क्युकी अब साथ तू होती नही..

Monday 9 March 2015

आजकल ज़िंदगी कट सी रही हे...

हाल क्या बताऐ आजकल ज़िंदगी कट सी रही हे,
मेरी कायनात बसी हे तुझमे,
फिर क्यू तू गैरों मे बँट सी रही हे,
तेरी यादो के सहारे चल रही हे धड़कन मेरी,
फिर क्यू लगता हे साँसे आहिस्ताआहिस्ता घट सी रही हे,
जिन रातों मे सजाऐ थे साथ जीने के सपने,
तेरे बिना वही रातें मुझे हर पल डस सी रही हे,
अपनी चाहत दिखाने मे भी लगता हे डर आजकल ,
क्यूँकी चुन चुन के ख्वाइशे मेरी सिमट सी रही हे

Thursday 19 February 2015

दिल फिर उसी मोड पे खडा हे...

दिल फिर उसी मोड़ पे खडा हे.. जहाँ था एक मुद् दत पहले,
फिर उसी इन्तेजार मे कि...
इस बार तो इनायत हो तेरी ,
मुझसे कभी तो कुछ शिकायत हो तेरी,
कभी तो मिले तेरी मेहरबानी,
कभी तो शुरू हो अपनी कहानी,
कभी तो तुमसे मुलाकात हो,
कभी तो कोई प्यार भरी बात हो ,
कभी तो मेरी याद मे दिल तड़पे तेरा ,
कभी तो तेरी जुबां पे नाम हो मेरा ,
मे
मै किसी भी राह पे चलू.. तुझी पे मेरी शाम हो ,
मेरे हर सज़दे और दुआ मे बस तेरा ही तेरा नाम हो,
ना जाने क्यू पर....
दिल फिर उसी मोड पे खडा हे
जहाँ था एक मुद् दत पहले....

Monday 16 February 2015

एक गुज़ारीश हे तुमसे मेरे हो जाओ ना यार

एक गुज़ारीश हे तुमसे मेरे हो जाओ ना यार ,
क्या इतना ही था साथ हमारा क्या इतना सा था प्यार,
क्या इतना सा भी काफ़ी नही हमारे दिल से जुडे हें तार,
बस इतनी सी हे गुज़ारिश मेरी मेरे हो जाओ ना यार ,
माना की गर ना मिल पाये हम तो भी ये नही होगी कोई हार,
पर साया हे तु मेरा मुझसे ना कर तु टकरार,
बस इतनी सी हे गुज़ारिश मेरी मेरे हो जाओ ना यार,
जब जब दूर तू जाती हे मुझसे लगता हे मेरी रूह  हो गयी फ़रार,
तेरे आने से जिया हु मे जिन्दगी और तु ही हे मेरा करार,
बस इतनी सी हे ख्वायिश मेरी इतनी सी हे गुहार...
गर सच मे मेरे हो तुम तो मेरे हो जाओ ना यार...